भोर भई
भोर भई
भोर भई
दिन है निकला
देखो उठ कर
आसमान में
भास्कर की लालिमा है छाई
कोयल गाए
पपीहा भी बोले
मोर का भी तन मन डोले
भोर भई......
उठ कर जल्दी करो स्नान
थोड़ा सा व्यायाम करो तुम
मन लगाओ
दो ईश्वर में ध्यान
खत्म कर लो अपने सब काम
भोर भई......
अब करो बस्ता तैयार
रख लो उसमें कॉपी दो-चार
खाने का डिब्बा भी रखना
विद्यालय का रास्ता न भटकना
भोर भई.......
