STORYMIRROR

Neha Tripathi

Children

3  

Neha Tripathi

Children

भोर भई

भोर भई

1 min
171

भोर भई 

दिन है निकला

देखो उठ कर 

आसमान में

भास्कर की लालिमा है छाई


कोयल गाए

पपीहा भी बोले

मोर का भी तन मन डोले

भोर भई......


उठ कर जल्दी करो स्नान

थोड़ा सा व्यायाम करो तुम

मन लगाओ 

दो ईश्वर में ध्यान

खत्म कर लो अपने सब काम

भोर भई......


अब करो बस्ता तैयार

रख लो उसमें कॉपी दो-चार

खाने का डिब्बा भी रखना 

विद्यालय का रास्ता न भटकना

भोर भई.......


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children