भला करो।
भला करो।
दर्पण अपनी क्षमता कभी नहीं खोता
वो भी हज़ारों टुकड़ों में टूट जाता है,
जब आप इसे गुस्से में फेंक देते हैं ..
फिर भी यह आपकी तस्वीर को दर्शाता है।
आप अकेले लोगों की वजह से क्यों बदलते हैं /
जब वे आपके साथ बुरा व्यवहार करते हैं
या आपको परेशान करते हैं।
उन्हें महान मत बनने दो,
लेकिन तुम एक दर्पण की तरह चिपके रहो,
अपने आप को कभी मत बदलो,
फिर भी केवल उन्हीं लोगों का भला करो।
