⛳भारतीय संस्कृति⛳
⛳भारतीय संस्कृति⛳
धन्य धन्य है मांँ भारती,
धन्य है इसकी संस्कृति।
भिन्न-भिन्न यहां की सभ्यता,
भिन्न है तीज - त्यौहार!
अजब-गजब की रीत है,
अलग है सभी के संस्कार।
अनेकता में यहां एकता,
है भारत की विशेषता!
वसुधैव कुटुंबकम कि लिए भावना,
सभी के लिए ह्रदय में है सद्भावना।
कर्म प्रधान संस्कृति है यही,
निरंतर नवीन पथ पर प्रगति कर रही,
विश्व शांति का मार्ग विकसित कर रही!
दया,धर्म और सहिष्णुता ,
है इसके आधार,
मात-पिता और गुरुजनों का
करना आदर सत्कार,
सिखाती हमको संस्कृति।
धन्य धन्य मांँ भारती,
धन्य है इसकी संस्कृति।
SPK Sachin Lodhi
Narsinghpur, M.P.
487001
