भारतीय सेना
भारतीय सेना


कतरे-कतरे,रग-रग में जिनके बह रहे देशभक्ति,
महकती सौंधी इस मिट्टी का नाम-नमक-निशां,
आबाद है जिनके पौरूष से, अमन-सुख-शांति
शौर्य-वीरता से थर्राती है जिसके, ये सारा जहाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
वीरगाथाओं,अमरकथाओं से गूँजता है दिग्गगन,
प्रतिकूल परिस्थितियों को जो हँसके करता सहन,
जज्बे-जज्बात जिनके हैं सदा अतुल अमिट अमर,
जिनके दु:ख-दर्द,व्यथा को करती धरती माँ बयाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
दुश्मनों के नापाक इरादे को जो देते हैं सदा मात,
हिमाद्रि श्रृंग, सीमा पे जो जगा करते हैं दिन-रात,
जिनके सुकर्मों,सेवाओं पे माँ करती है चौड़ा सीना
जिनके शहादत से निखरती है, माँ-भारती जवाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
तपता मरू,पहाड़ हो या शीतोष्ण विकट मौसम,
निजों को भूल,देश की आन पे जो मिटता हरदम,
सियासत की मतलबी चालों के षड्यंत्र रचनेवा
लों
वीरों के निस्वार्थ-प्रेम की दिशाएँ सुनाती है दास्ताँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
विपदा,अकाल,बाढ़,सूखाड़ हो या मौसम तूफानी,
मदद को तैयार रहता है,वीर जाँबाजों की रवानी,
खुशनसीबों को ही मिलता है ये तिरंगे का कफन,
जननी-जन्मभूमि स्वर्ग से है बढ़के,है हमको गुमाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
सर्वत्र फहराए तिरंगा चाहे जल-थल या नभ हो,
त्याग,बलिदान का कुछ तो सिला मिले,सबब हो,
सब स्वार्थ में अंधे,अब दोहरे चरित्र में खो चुके,
विधवा,बच्चे,बूढ़े माँ-बाप उनके फिरते यहाँ-वहाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------
शहादत दूँगा सर्वोच्च,ऐसा खुद पे हमें विश्वास है,
बाद रखोगे ख्याल परिवार का,यही एक आस है,
तोड़ूँगा नहीं निज इरादे,भले करो सभी झूठे वादे,
तेरे उचित करनी,सीरत का फल देगी ये आसमाँ!
कतरे-कतरे ----------------------------------------