STORYMIRROR

महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

4  

महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

भारती वंदना

भारती वंदना

1 min
215


मन में ममता नेह नयन में, मुख की आभा भोली ।

केशरिया चूनर के संग में, श्वेत दमकती चोली ।।

हरी घघरिया निरखूँ तो मन, अनुपम सुख है पाता ।

लिये तिरंगा हाथ खड़ी है, मेरी भारत माता ।।

***

चक्र प्रगति का चले निरंतर,नील वर्ण सुखदाई ।

बिखरा आँगन रंग वसंती, निरखे माॅ हरषाई ।।

रक्त शहीदों का महकाये, माँ का हर गलियारा ।

देश मुझे लगता है मेरा , सारे जग से न्यारा ।। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational