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Er.Saurabh Pandey

Abstract

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Er.Saurabh Pandey

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भारत

भारत

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इस देश की माटी में जन्म हुआ

कुछ फर्ज निभा कर ही जाऊंगा।

ऊँचे झंडा को देखकर मुझे,

सीना चौड़ा हो जाता मेरा।

रोज रोज शहादत सुनकर,

आँखे नम हो जाती मेरी

भारत माता के मुस्कान देखकर

हँस कर आँखे भर आती मेरी

कुर्बानी की इस जंग में मेरा

हर पथ में साथ होगा मेरा

देश के इस लहराते तिरंगे को

सदैव दिखाने को मन करता मेरा।।

            


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