सावन
सावन
सावन आया है, आयी है बरसात
नाचों गाओ, ये है सावन की रात।
देख झूम उठा है, मन सबका
इस सावन की, बरसात में भैया।
सूखे पेड़ भी हरे हो गए रे भैया,
इस सावन की बरसात में।
मोर ने भी पंख उठा दिए है,
इस बारिश के सावन में।
खिल उठे है, किसान के चेहरे,
देख कर सावन की बूंदों को।
कुछ महीनों का, मौसम है रे भैया,
आयो मिलकर, खुशी मनायेंगे।
झूमेंगे गये नाचेंगे रे भैया,
सावन की खुशी मनायेगी।