STORYMIRROR

J P Raghuwanshi

Inspirational Others

4  

J P Raghuwanshi

Inspirational Others

भारत वंदना

भारत वंदना

1 min
386

देश हैं महान, अपनों देश है महान


देश है महान,

अपनों देश हैं महान।

आर्यावर्त, जम्बूदीप,

भारत, हिंदुस्तान।

गंगा-जमुना-सरस्वती,

नर्मदा महान।

उत्तर हिमालय हैं,

पर्वतों की शान।

रामायण, महाभारत, गीता, महान।

चार वेद पढ़ो, और अठारह पुराण।

राम-कृष्ण महावीर गौतम महान।

ऋषियों की पुण्यभूमि जानें जहान।

चैत्र के महीना में रामनवमी आय।

संवतसर बदलें नव वर्ष कहलाये।

वैशाख महीना जा गर्मी में आय।

वैशाखी पर्व, अक्षय तृतीया मनायें।

तीसरो महीना जेठ कहलायें।

गंगा दशहरे पे गंगा नहाओ।

आषाढ़ महीना चौथो हैं मास।

आद्रा नक्षत्र पड़े वर्षा की आस।

वर्षा की झड़ी विच, आ गओ सावन।

राखी की धूम लागे मनभावन।


भाद्रपद में आ गई जन्माष्टमी।

संतान सातें दूर्वाष्टमी।

क्वार में मैया को मेला लगो।

गांव-गांव देखो भैया लागे भलो।

कार्तिक में आय गई दीवाली।

घर-घर में सज रहीं हैं पूजन थाली।

मार्गशीर्ष महिना जो आओ सुहावन।

हल्की-हल्की ठंड लागे मनभावन।

पूस के महीना में ठंड आई।

ओढ़े सब कम्बल और ओढ़े रजाई।

माघ के महीना में मेला लगें।

खेल और तमासों के तम्बू भलें।

फागुन के महीना में आ गई होली।

पिचकारी भर-भर कर टोली चली।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational