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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

भारत माता

भारत माता

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देख जवानी मिटती है 

तब भारत मां की रक्षा में

तुमको ही शौर्य दिखाना होगा 

भगवा की कठिन परीक्षा में। 


यहां की मिट्टी लाल है 

यहां के लाल लाल से

मिटाने को अब तैयार है 

हर दुश्मन को तलवार से। 


इतिहास दोहराएंगे रक्त बहाएंगे

अब नहीं देंगे इंच भूमि को

एक एक पत्थरबाजों को 

घर में घुस कर मारेंगे सालों को। 


ये राम की पवित्र भूमि है 

बच्चे बच्चे मेे राम बसता है


ये कुरुक्षेत्र योगी कृष्ण का है 

युद्ध से पहले शंखनाद बजता हैं।


छोटे-छोटे बेटों ने भी बलिदानीया दी हैं

जहां हाडा रानी ने सर काट निशानियां दी हैं

इस धरातल को जब रक्त की प्यास लगी

क्षत्रियों ने अपनी जवानियां दी है।

 

हटे नहीं कदम पूछे उन के

जो खड़े सीमा पर लाल है

माटी इन के लगी माथे से

भारत मा का सवाल हैं। 


हाथ टूट गए किन्तु बन्दूक नहीं गिरी

माथा फुट गया किन्तु आंखे नहीं झुकी

खड़ा रहा डटा रहा रण भूमि मेे

आगे बढ़ता गया गोली लगी दो सीने मेे


बार बार माटी उठाता माथे लगता

सिना चौडा था इस का

तिरंगा लिए साथ मेे था

कर्ज चुकाना था जिस का। 


कितनो को मार चुका था

थोड़ी दूर चला 

फिर धरा पर गिर पड़ा


धरा बोली मेरे लाल 

तेरा कर्ज पूरा हुआ है

आंखे तेरी बन्द होने लगी

सीना अभी भी तना हुआ है

तू मर कर भी नहीं मरा

तू तो अमर हुआ है। 


मेरे जीवन का एक पल भी

देश सेवा के काम आए

मुझे लगे ये जवानी देश के काम आए

मिट जाऊ उसी पल 

अगर राष्ट्रधरो मेे नाम आए


चार साल बहुत है 

वतन की सेवा में

घाटी घाटी देखी जाती हैं

एक दिन के लिए भी 

खड़ा जवान सीमा पे हो

वहीं मर्द की छाती है


ये धरोवर हमारी है

इस धरातल के लिए 

पूर्वजों ने खून बहाया था

एक मा मेरी मिट्टी है

जिस के कण कण मेे मै पला था

एक वो मेरी मा जिसने मुझे जना था


जहां खड़ा हूं वहीं अडा हूं

कसम है मेरी जननी की

ऐलान यहां से करता हूं

मिटने नहीं देंगे इस धरा को

एक एक पत्थरबाजों में

गोली मारो सालों को।


यह धरा उनके बाप की नहीं है

यह धरा है बलिदानों की 

अगर गोली से काम ना चले 

तो गर्दन उड़ा दो सालों की।


जब लगने लगे अब बहुत हुआ

उठा शस्त्र लगा निशाना

बनजा भीष्मा रणथली

दुशासन की छाती चीर 

बन जा भीम महाबली


क्या बिगाडेंगे ये मुल्लाह काजी

अब जयचंदो को भी मत छोड़ो 

धरो छाती पर पैर इन मुगलों के

अब मूर्छित भी मत छोड़ो। 


लगाओ नारा भारत हमारा

वंदे मातरम गान करो

फिर से धन सिंह भगत सिंह का निर्माण करो। 


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