भारत की माटी
भारत की माटी
भारत की माटी पुकारती है
भारत की माटी दहाड़ती है
मेरे रक्षकों, ओ प्यारे सैनिकों,
ये चीन से जवाब मांगती है
Lac में धोखे से वार किया,
फिर भी शेरों ने शिकार किया,
ये माटी चीन को नकारती है,
भारत की माटी पुकारती है
माना हम अहिंसा के पुजारी है,
पर कमज़ोर नहीं यहां नर-नारी है,
आज का ही नहीं पहले का भी
ये सूद सहित हिसाब मांगती है
अब pm ने भी कह दिया है
गीदड़ों को मार दो,
बहुत सह लिया है,
ये युद्ध के लिये ललकारती है
तोड़ो अभिमान चीन का,
लो स्वदेशी सामान हिन्द का,
देश की माटी पुकारती है
उठो, जागो एक हो जाओ,
ये तिरंगे की लूटी ज़मीं मांगती है