भारत के वीर
भारत के वीर
वो जिस्मो की आहुतियों का यज्ञ चल रहा था,
कि बोलते लबों पर चुप्पी सी चा रही थी..!!
ख़ुदा हुआ है वह शख्स जिसने हमारी खातिर,
गोली खुद के जिस्म पर खाई थी..!!
चाहतों का बेला बेकदर तडफता रहा,
वो नज़्म की रवानी में गुलबहार हो गया..!!
मेरे देश की दीवाली में मेरे भारत के वीर,
लहू की होली से दामन मां भारती का रंग गया..!!