बेटियाँ
बेटियाँ
घर की लक्ष्मी होती है बेटियाँ,
आन बान और शान है बेटियाँ।
पापा की परी होती है बेटियाँ,
माँ की लाडली है बेटियाँ।
घर की रौनक होती है बेटियाँ,
आंगन रूपी बगिया को महकाती है बेटियाँ।
चिड़ियों सी चहकती है बेटियाँ,
फूलों सी खिलती है बेटीयाँ।
कंगन की तरह खनकती
और पायल की तरह झनकार है बेटीयाँ।
इसकी-उसकी, हमारी-तुम्हारी नहीं,
हमारे भारत की शान है बेटियाँ
बेटी है तो कल है,आज है तो कल है।
