बेटी
बेटी


घर का बोझ नही हैं बेटी,
ये परंपरा हैं झूठी
बेटा बजाये गली - गली में सिटी,
उससे नहीं मिलती है रोटी
सबको पता है, बेटी में नहीं कोई कमी,
फिर न जाने, कोई क्यो न देता इसकी हमी
करने दो उनको भी उड़ने की तैयारी,
फिर देखो चमकेगी ये भारत की नारी।
घर का बोझ नही हैं बेटी,
ये परंपरा हैं झूठी
बेटा बजाये गली - गली में सिटी,
उससे नहीं मिलती है रोटी
सबको पता है, बेटी में नहीं कोई कमी,
फिर न जाने, कोई क्यो न देता इसकी हमी
करने दो उनको भी उड़ने की तैयारी,
फिर देखो चमकेगी ये भारत की नारी।