Anjali Tiwari
Tragedy
बेटियां फूल की कली जैसी होती हैं,
जब तक वह डाली से चिपकी रहे,
तब तक ममता के आंचल से घिरी रही,
जब बड़ी हुई तो पराई है पराई है कहकर,
दूसरे के गले में बांध दिया,
क्या?
यही है नीति पूरे संसार की।
हिंदी भाषा
बेटी
परेशानी से लड...
पापा
🙏 मजदूर दिवस ...
जानते हैं वे जल, जंगल, जमीन खोने का दर्द। जानते हैं वे जल, जंगल, जमीन खोने का दर्द।
बस रिकार्ड बाबू हमे समझो बना कर रख दिया नई शिक्षा नीति ने शिक्षक को बाबू बना दिया। बस रिकार्ड बाबू हमे समझो बना कर रख दिया नई शिक्षा नीति ने शिक्षक को बाबू बना ...
हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।। हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।।
अब पहले जैसा भी कुछ नहीं रहा बस खालीपन है आंखों में सबके और दिल में घोर सन्नाटे . अब पहले जैसा भी कुछ नहीं रहा बस खालीपन है आंखों में सबके और दिल में ...
यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती है ... यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती ह...
लो अग्नि संस्कार किया स्त्री विमर्श में अपने हाथों से लिखें पृष्ठों का। लो अग्नि संस्कार किया स्त्री विमर्श में अपने हाथों से लिखें पृष्ठों का।
#JusticeForPriyankaReddy पॉलिटिक्स का एक नया कारण बन गई, मेरी कहानी को निर्भया, अशिफ़ा के साथ जोड़ गय... #JusticeForPriyankaReddy पॉलिटिक्स का एक नया कारण बन गई, मेरी कहानी को निर्भया,...
राजनीति सुविधा हुई ,बनी आज व्यवसाय। मीठा-मीठा गप्प सब, कड़वा थूकत भाय।1। राजनीति सुविधा हुई ,बनी आज व्यवसाय। मीठा-मीठा गप्प सब, कड़वा थूकत भाय।1।
हौले हौले से बढ़ते ये कदम, और इनमें बहुत सारा तेरा ग़म। हौले हौले से बढ़ते ये कदम, और इनमें बहुत सारा तेरा ग़म।
मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं। मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं।
सात दिनों के सात रंग में रंगी हुई इसकी प्रेम कहानी है। सात दिनों के सात रंग में रंगी हुई इसकी प्रेम कहानी है।
सवाल है सत्ता में बैठे हुये हुक्मरानों से, क्यों नहीं बाज आते हो फालतू बयानों से। सवाल है सत्ता में बैठे हुये हुक्मरानों से, क्यों नहीं बाज आते हो फालतू बयानों...
अब स्वतंत्र है वो तो पराश्रित मैं भी नहीं इस अर्थहीन पानी का अर्थ कुछ भी नहीं। अब स्वतंत्र है वो तो पराश्रित मैं भी नहीं इस अर्थहीन पानी का अर्थ कुछ भी नहीं...
और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में। और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में।
जीवन इतना सरल नहीं जीवन इतना सरल नहीं
टूट गई मन की गागरिया टुकड़े झोली भरती। रंगहीन ले...य़ टूट गई मन की गागरिया टुकड़े झोली भरती। रंगहीन ले...य़
देखो रेल की पटरी के किनारे बनी ये बस्तियां, है उघड़े दरवाजे औ झांकती बंद खिड़कियां। देखो रेल की पटरी के किनारे बनी ये बस्तियां, है उघड़े दरवाजे औ झांकती बंद खिड़...
इस जीवन के बाद क्या पता, कौन सी राह पर फिर कहाँ मिलें? इस जीवन के बाद क्या पता, कौन सी राह पर फिर कहाँ मिलें?
आखिर क्यों लाखों परिवार न्याय से वंचित रह जाते है। आखिर क्यों लाखों परिवार न्याय से वंचित रह जाते है।
किन्तु, ख़ुद ख़त्म होने से पहले ही, पहुँच में उसके दूसरी कुर्सी। किन्तु, ख़ुद ख़त्म होने से पहले ही, पहुँच में उसके दूसरी कुर्सी।