बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेटी को अपने पढ़ा के तो देखो।
कठिन वक्त में आजमा के देखो।
हिमालय फतह करके आती है बेटी।
अम्बर को छूकर दिखाती है बेटी।
पंख हौसलें के लगाकर तो देखो।
कठिन वक्त में आजमा के तो देखो।।
ये बुनियाद है आस्था, संस्कृति की।
ये रचना है अद्भुत मनोहर प्रकृति की।।
सुधा-स्नेह से, दुलराके तो देखो।
कठिन वक्त में आजमा के तो देखो।।
