STORYMIRROR

Rajesh kumar sharma purohit

Abstract

2  

Rajesh kumar sharma purohit

Abstract

बदलता नजरिया

बदलता नजरिया

1 min
333

अब नीति निपुण लोगों की कमी होने लगी है

आदमी से आदमी की समझो दूरी होने लगी है।


रिश्तों में अनीति का लेकर लोग सहारा अब

नीति से कोसों दूर की बात अब होने लगी है।


बदल गए प्रतिमान सारे देखो आज समाज में

शास्त्रों की रीति नीति भी देखो दूर होने लगी है।


जब शिक्षालयों में नीति परक बातें सिखाते थे

आज सभी बातें राजेश हवा सी गुम होने लगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract