बड़ी महँगाई बा (व्यंग)
बड़ी महँगाई बा (व्यंग)
कहतानी रउआ की, बड़ी महँगाई बा।
जिनगी के जीये में, बड़ी कठिनाई बा।।
खेत ना खलिहान ह छुछे रेहे के मकान ह
ऊहो ह खूब जर्जर लेकिन
पेंट लगाइब उ पे सिर्फ़ बर्जर
सरकारी राशन कार्ड से अनाज मिला त भर-भर
व्यापारी सब सस्ता सरकारी धन
उठावत हवें घर -घर
काहे कि खाए क ह बासमती अउर चिकन लेग पीस
इहे से सरकारी अनाज बिकाता उन्नीस - बीस
ऊहे अनाज बाज़ार में बेचाला धर -धर
काहे कि आजकल सभे गोटा के लाग गेलय
स्टैंडर्ड वाला रहिसि के गुण सुख
कहतानी रउआ के बड़ी महँगाई बा
भोर भिनुसार चाहीं, पावडर कोलगेट।
पलंग पर परल परल, मांगेब नेसकैफ।
दतुअन से का होई, चाय त दवाई बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
नहाये के खस, डोभ, साबुन रेक्सोना।
हेलो सेंम्पु रखल बा, बाथरुम के कोना।
बिना साबुन चलीं केंना रूप झुरिआइल बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
मुड़ी में लगावे के, तेल आईल तीन।
बनफूल, धृतकुमारी,अउर कीयोकारपीन।
जेकरा जौन चाहीं, अबे किनाईल बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
रूप निखारे खातिर, क्रीम आईल कीन।
फेयर लवली चाहीं, गोरा होई स्कीन।
सबे ई जरूरी मानी, उम्र सठिआईल बा
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
भइल बा बवाल घरे, चाहीं सिल्क साड़ी।
फूल नियर गमकेला, ईत्तर के पिटारी।
लिस्ट देली भोरे भोर, चुल्हा बुताईल बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
साँचे कोयला चूल्हा से, आँखें सूज जाता।
सबके बा गैस चुल्हा, आपन भी किनाता।
सोंची पीछे रहला में, अपने हिनाई बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी मँहगाई बा।।
बीबी के आज बर्थडे, चाभेब रसगुल्ला।
मीठ ठंडा फ्रूटी, कोक, पीहीं भरी कुल्ला।
चाहीं रउआ सबकुछ, झूठे रुलाई बा।
कहतानी रउआ की, बड़ी महँगाई बा।।
