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BhaiVakeelSharma (VAKEEL)

Inspirational

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BhaiVakeelSharma (VAKEEL)

Inspirational

“ बागेश्वर धाम सरकार ”

“ बागेश्वर धाम सरकार ”

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हाथ में मशाल लिए 

मन में लौ जला लिए

धर के रौद्र-रुप इस धरा पे

हमने ये भगवा अब सम्भाल लिए

पापियों का नाश- सर्वनाश करने

चल पड़ा है वीरों का विजयरथ 

बढ़ चला है आगे हर खंड- खण्ड जात-पात से

सत्य सनातनियों के उच्च रक्त चाप से

मची खलबली,मचा बवंडर,धर्महीन- विधर्मी शैतानो में,

बागेश्वर सरकार हमारे गूंज रहे हैं कानों में,


हुआ सनातन - शंखनाद ,ये पुनर्जागरण का काल नई

धर्म शुद्धिकरण कर धर्मांतरण रोकने को 

बहन-बेटियों की इज़्ज़त आबरू बचाने को

कर चले फिर से सत्य सनातन- शाश्वत धर्म 

कि अखिल ज्योति की प्राण-प्रतिष्ठा करने को

तो चादर-फ़ादर में मचेगा ही बवाल नई

बार- बार इंगित कर रहा वो 

उन महानपुरुषों को पहचानो तुम

उनकी वाणी का अनुसरण करो 

मत उलझे रहो किसी पहेली में,


रामचरित अवधी में था,अब गरजा है बुंदेली में,

ना तो धन से अर्जित है,ना मिथ्या कोई प्रसिद्धी है,

खुले आम जो सिद्ध हुई वो बालाजी की सिद्धी है,

यह सिद्धी जब निकल पड़ी हिन्दू पहचान जगाने को,

असुरों के दल निकल पड़े उन पर आरोप लगाने को,

चादर-फ़ादर मुक्त हिन्दुओं से युक्त हिंदुस्तान हो अपना

योगी- मोदी की जोड़ी अब बाबाओं की टोली है


जब सोये थे हम सारे,तब खूब करी मनमानी जी,

अब हम जागे तो माथे से टपक रहा है पानी जी,

विज्ञानी कुतर्क लेकर विश्वास हमारा तौलेंगे?

विषधारी हैं और हमारे अमृत पर ये बोलेंगे?

सभी अधर्मी अमर आस्था घायल करने आये हैं,

परंपरा का आज मीडिया ट्रायल करने आये हैं,

अरे मीडिया हमसे ही लेकर कुछ खर्चा कर लेते,

हुलेलूलिया कहते चर्चो पर भी चर्चा कर लेते,


मौलाना को फूंक मारते,दूर कराते कष्टों को,

दिखला देते डुबकी देते जादूगर बुद्धिष्टों को,

लेकिन निपट विधर्मी सारे,टिके एक ही बिंदू पर,

इनका ज्ञान उमड़ता केवल सत्य सनातन हिन्दू पर,

तर्क नर्क मे भेज दिए हनुमन्ता के अभिलाषी ने,

दिखला दी औकात उन्हें बागेश्वर के सन्यासी ने,

अब ये ज्योति आस्था वाली कभी नही बुझने वाली,

और ध्वजा ये केसरिया अब कभी नही झुकने वाली,


घर वापस आने वाले भगवा प्रबन्ध करवाने है,

पूरे भारत मे अब धर्मांतरण बन्द करवाने है,

करवानी है बन्द दुकाने वामपंथ के गुर्गों की,

देवों का मज़ाक उड़वाती बॉलीवुड के मुर्गों की,

हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन जागा है जज़्बातों में,

डोर क्रांति की सौंपी है धीरेंद्र कृष्ण के हाथों में,

कवि स्वयम् वकील बोले दुष्टों की गठरी बांधी जाएगी,

वामपंथ के ठलुओं की अब ठठरी बांधी जाएगी,

साथ नही छोड़ेगा हिन्दू राघव के सत्संगी का,

गूंजेंगा जयकारा जग में बागेश्वर बजरंगी का।



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