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rani jawanjal

Children

3  

rani jawanjal

Children

बचपन के वो सुहाने पल,

बचपन के वो सुहाने पल,

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बचपन के वो सुहाने पल

मौजों के वो गुनगुनाते पल,

न कोई फिक्र, न कोई शिकवा,

क्या खूबसूरत थे वो निराले पल...


थी न कोई जिम्मेदारी, न था कोई गम,

खुशियों का बस दामन था, कैसे भूले हम,

जवाबदेही से न था वास्ता, न था कोई संग,

फिर वो दिन भी आया, जब हुआ सभी कुछ भंग...


अब वो दिन न आयेंगे, सबकुछ भूल जायेंगे,

बस याद यही है, कि जीवन में कुछ कर पाएंगे,

छोड़ सब रिश्ते-नाते, अपना पथ हम बनाएंगे,

मार्ग प्रशस्त कर, खुद उस पर चलते जायेंगे...


समय भी चलता अपनी ही गुमानी में,

हवा भी बहती अपनी ही मनमानी में,

हमें न थकना, है आगे बढ़ते ही रहना,

चलते रहना, अपनी धुन की रवानी में...


जीवन मिला हमें प्रभु से, करो इसका सम्मान,

भूल के करो न तुम उनका यूँ अपमान,

बचपन को भूल बन्दे, कर तू अपना उत्थान,

विजयश्री की ओर, कर ले तू अब प्रस्थान...


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