बावरा मन देखने चला एक सपना
बावरा मन देखने चला एक सपना
बावरा मन देखने चला एक सपना
इस झूठे संसार में क्या है कोई अपना
बावरा मन देखने चला एक सपना
रंग बदलती इस दुनिया में कैसे रंग बदलते लोग
अपना बनकर साथ हैं चलते और धोखे से लूटते लोग
स्वार्थ की खातिर गले लगाते और गले को काटते लोग
बेदर्दी से रिश्तों का ही गला घोंटते देखे लोग
ऐसे लोगों से हम सबको है बचना
बावरा मन देखने चला एक सपना
हिंसा का साम्राज्य यहां पर षडयंत्रों का पहरा है
हर कोई आकर जो देता घाव बड़ा ही गहरा है
अपने चारों ओर है फैला भीषण गम का सहरा है
काश कि वो भी सच हो जाये देखा जो ख्वाब सुनहरा है
नेकी के पथ पर हम सबको है चलना
बावरा मन देखने चला एक सपना