बाँध सकेगा काल।
बाँध सकेगा काल।
रोग भयंकर देश में, चीन रहा था पाल
सोचा था निज शक्ति से,बाँध सकेगा काल।
धारा उल्टी बह गई, फैला रोग कोरोना
उलझा अपने जाल में, हुआ देश बेहाल।
अर्थव्यवस्था विश्व की, मंद सकल रफ्तार
निर्धन देशों का अधिक जर्जर होगा हाल।
किसको छोड़ें और अब किसकी जान बचाएँ
इटली जैसे देश में व्याधि - रूप विकराल।
सामाजिक दूरी बने तभी बचेगी जान
घर में होना बन्द ही एकमात्र है ढ़ाल।
साबुन से कर धोइए,साफ करें गृह-द्वार
हाथ जोड़ सबसे मिलें,मुँह पर रहे रुमाल।
सबकी मंगल-कामना,सबका हो कल्याण
सेहत-सुख हर दिन मिले,समृद्धि दे साल।