बाल किशोर युवा
बाल किशोर युवा


किलकारियों से भरा
हंसना खेलना मिट्टी के
घरोंदे बनाना
तोड़ने में खुश होना
किसी चीज या खिलोने
न मिलने पर रोना
वो बालपन कौन भूल पाए
युवा मन की भावनाओं को
युवा मन ही समझ पाए
दो दिलों का मिलन तो
प्रेम की गंगा ही बहाये
नारी तो नर की खान है
नारी अबला नहीं, महान् है
नारी के रूप अनेक
मां, बेटी, पत्नी, बहन
के रूप में सकल जहान है।