अवसाद
अवसाद
तेरे बाद मैं इतना अवसाद में हूँ,
मैं हूँ तो जरूर पर तेरे बाद में हूँ,
मुझे ढूंढ़ रही हो तुम अग़र तो,
बादलो से पूछो मैं बरसात में हूँ,
तकदीर में नहीं लकीर में नहीं,
बस तेरी मेहंदी वाले हाथ में हूँ,
नादान ही सही पर हूँ तो परिंदा,
ज़रा सर उठाओ मैं आसमान में हूँ,
मुझको इस भीड़ में क्यूँ देखते हो,
मैं तो तन्हा अकेला समसान में हूँ,
महलो में रहना पसंद नहीं मुझको,
मैं ख़ुश तो अपने कच्चे मकान में हूँ,
बेचारा,बेसहारा मत पुकारों मुझको,
मैं इश्क़ हार कर भी ग़ुमान में हूँ,
वो जो शख्स छोड़ कर गया मुझको,
मैं बस एक उसके ही नाम में हूँ,
मुझसे मिलना है तो मयखाने आओ,
मैं वही मिलने वाली हर जाम में हूँ,
तेरे बाद मैं इतना अवसाद में हूँ,
मैं हूँ तो जरूर पर तेरे बाद में हूँ।