औरत
औरत
पूरे जी-जान लगा देती है औरत,
अपना घर बसाने के लिए,
फिर भी क्यु रहती वो जीवनभर
किराए के मकान में?
एक घर पिता का दूसरा पति का,
क्या उसका कोई नहीं अस्तित्व???
पूरे जी-जान लगा देती है औरत,
अपना घर बसाने के लिए,
फिर भी क्यु रहती वो जीवनभर
किराए के मकान में?
एक घर पिता का दूसरा पति का,
क्या उसका कोई नहीं अस्तित्व???