अरबी घोड़ा
अरबी घोड़ा
देखो, यह है अरबी घोड़ा, पथरीली राहों पर दौड़ा।
सारे जग को पीछे छोड़ा, मेहनत से मुंह कभी न मोड़ा।
मानव का यह दोस्त पुराना,
आता इसको साथ निभाना ।
इसने गाँव शहर से जोड़ा, देखो, यह है अरबी घोड़ा।
हरी घास से इसे प्यार है, ताकत-बल इसमें अपार है।
ताँगा-रथ लेकर यह दौड़ा, देखो, यह है अरबी घोड़ा।
अगर किसी दिन यह अड़ता है,
लाख जतन पर ही हिलता है।
तब बनता है अड़ियल घोड़ा,
नहीं मारना इसको कोड़ा।
युद्ध अनेक इसने देखे, शत्रु अनेक इसने देखे।
कायर बन मुँह कभी न मोड़ा, देखो यह है अरबी घोड़ा।
