अपराधी
अपराधी
अपराध करके भी,अपराधी
लापरवाह नजर आता है।
अपने दोष पर पर्दा डालकर
उसे बेअसर करना चाहता है।
वह अपराधी है, गुनहगार है
इसका उसको भी है अहसास।
पर!कोइ न कहे उसे गुनहगार
न कर सके उसका पर्दाफास।
हरकत हैं उसका कायराना
नियत लगती है हैवानियत।
ये हैं मानव समाज के दिमक
इंसान हो के भूले इंसानियत।
अमन चैन को यह भुलाकर
बन गए दानव ये अत्याचारी।
देर होगी, पर सजा भी मिलेगी
जानकर भी बन जाते दुराचारी।
