अपनी कीमत
अपनी कीमत
हर चमकने वाली चीज सोना नही होती है
हर छलकने वाली बून्द मोती नही होती है
सबको गिला है,हरशख्स यहां पिलपिला है
हर आदमी की आम से दोस्ती नही होती है
किसी को भी यहां आशीर्वाद नही चाहिये
सबकों यहां धन-दौलत,ज़ायदाद चाहिये
बुढापा यहां पर लोगो को पसंद नही है
पर जवानी में लोगो को कार चाहिये
बिना अनुभव के हर पत्थर ठोकर खाता है
बिना अनुभव पत्थर की पूजा नही होती है
जो बेरहम ज़माने में खुद को तराश लेता है
उसकी कीमत कोहिनूर से कम नहीं होती है।
