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Prakash Kumar

Inspirational

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Prakash Kumar

Inspirational

अपने बुजुर्गों का सम्मान करें

अपने बुजुर्गों का सम्मान करें

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उनका हाथ ना तुम छोड़ना।

वो बड़े होकर भी हमारे मित्र है।

जो चाहते है सदा बढ़ते हुए देखना।

हमारे बुजुर्ग ऐसे अमूल्य चरित्र है।।

जिन्होंने पग पग पे हमें सम्हाला।

वो सदा होते हमारे लिए पवित्र है।।


जब गिरने लगे हम, उन्होंने हमें थामा।

जिन्होंने बचपन में हर ढँग सिखाया।

हमारे स्वप्न को पहनाया अमलीजामा।।

आओ मिलकर उनका सम्मान करे।

आओ अपने बुजुर्गों का हमें ध्यान करे।।


कुछ ना करके भी वो बहुत कुछ करते है।

हम भाग्यशाली हैं जो इस क्षण में भी 

वो ख़याल हमारा नित रखते है।।


आओ ऐसे धरोहर को प्रणाम करें।।

कल उन्होंने हमें खिलाया आओ

आज उनके लिए हम काम करें।।


आधी आधी रात में उठ कर हमें पाला है।

वो हमारे सृजक है वही हमारे नसीब का ताला है।

आओ ऐसे महानुभावों का हम पहचान करें।

उनके इस अंतिम सफर पर उनका ध्यान रखे।


वो जब तक है तब तक प्रेम की धारा बहाते है।

वो कोयलिया है इस बगिया के, मधुरता फ़ैलाते है।।

जीवन में अपने बुजुर्गों को फिर से जीना सिखाये।

आओ जिन्होंने हमे जीवन दिया 

उनको कुछ पल सुख पहुँचायें।।



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