कौन कहता है।
कौन कहता है।
कौन कहता है माँ तेरे बेटे
का लहू काम नहीं आता ।
यदि इतना दर्द ना होता तुझे
अपना शेर खोने पर तो जाने
से पहले आँधी तूफान नहीं आता।
गलत कहते है कहने वाले जो जाता है
लौट के उम्र तमाम नहीं आता।
मैं तो कहता हूँ जो भारत
माँ के लिए लहू से सींचता है।
वो हर पल बन शक्ति और प्रतिशोध
के लिए भी आत्मा से है काम आता।
विश्वास नहीं हो तो सेना से पूछ लो
भारत के बॉर्डर पर आज भी पूण्य
आत्माओ के भय से दुश्मन जिसके थर्राता।
जो नापाक हरकत से कोशिश करते हैं
दिल दहलाने वाली वारदात करने की,
उनका अरमान तो दिल में ही रह जाता।
कह दे उन उन चमन से की सींचने के लिए
किसान और जवान हर वक्त हाजिर है
क्योंकि दोनो का नाम अमर है हो जाता।