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Latika Batra

Abstract

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Latika Batra

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अपना कोना

अपना कोना

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जरुरी होता है कितना

कोई नन्हा सा

अपना कोना

जो

सुनता हो - देखता हो

साक्षी भाव से

महसूस करता हो

भीतर - बाहर के स्पंदन

सारे।

मौन मीत.....

अपना।

एक कोना।

एक अधखुली खिड़की

भीतर झाँकता बोगनबेलिया

गुच्छे के गुच्छे फूल

कलरव ध्वनि

एक आराम कुर्सी

एक प्याला गर्म चाय

और.......

कुछ किताबें।


बड़ा जरूरी होता है।

सच।


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