अपना कल भी सुखी बनाओ
अपना कल भी सुखी बनाओ


*अपना कल भी सुखी बनाओ*
कल की चिन्ता छोड़ो तुम सीखो आज में जीना
याद कभी ना आए बीता दिन और साल महीना
भूत व भविष्य का आज ही संधिकाल कहलाता
सुखी वही जो केवल आज में ही जीवन बिताता
बीता हुआ समय फिर कभी लौटकर ना आएगा
आने वाला कल भी अपने समय पर ही आएगा
फिर क्यों हम अपना मन इन कालों में भटकाएं
आओ सबके संग आज को खुशी खुशी बिताएं
भूत का कड़वापन आज की खुशी में बिसराओ
आने वाले कल की चिंता में खुद को ना गलाओ
उपहार समझकर आज के दिन को
गले लगाओ
कल भी अच्छा होगा तुम पूरे आश्वस्त हो जाओ
बीते समय की भूलों पर कभी ना तुम पछताओ
आज के दिन का पूरा सद उपयोग करते जाओ
नदिया की धारा समान अपना जीवन कहलाता
जीवन धारा में जो बह गया वो वापस ना आता
क्यों हुआ कैसे हुआ इसकी गुत्थी ना सुलझाना
बीते हुए वक्त के पीछे आज का सुख ना गँवाना
प्रभु कृपा से पाया आज का दिन जीने के लिए
बिताओ आज का दिन उमंग और उत्साह लिए
आज की परिधि में रहकर हर कर्म करते जाओ
आज के संग संग अपना कल भी सुखी बनाओ।