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Seema Gupta

Romance

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Seema Gupta

Romance

अनकही

अनकही

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यूँ तो बातें भी हजारों हुई तुमसे

पर कुछ अधूरा सा आज भी है

दिल के एहसासों में।


वो जो सोचा करते थे

कि वक़्त के साथ बयां करेंगे कभी

वो वक़्त कहीं खो गया है सैलाबों में।


इस कदर भी दूर थे हम

कभी जाना ही नहीं

किस्मत की ताकत को कभी

पहचाना ही नहीं।


रुखसत हुए जब तेरे

दिल की दहलीज से हम

तुम हमें भूल जाओगे

ये मैंने कभी माना ही नहीं।


जानना ये चाहते हैं

पर आज भी हम

कभी तो याद आती होगी

हमारी भी तुम्हें बरसातों में।


खलिश सी है सीने में कहीं

क्या हमसा भी प्यार

तुम्हें कोई करता होगा।


जिस कदर दीवाने थे हम तुम्हारे

क्या कोई और यूँ शिद्दत से

तुम पे मरता होगा।


यकीन है हमें भी कि

किसी मोड़ पर तो मिलेंगे

क्योंकि नाम तुम्हारा भी लिखा है

हमारे कर्जदारों में।।


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