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सुरशक्ति गुप्ता

Abstract

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सुरशक्ति गुप्ता

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अंदेशा

अंदेशा

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शालीन और अनुभवी दो नकाबपोश चेहरे 

आपके सामने हैं

खासियत दोनो की दुरूहता है

ये दोनो किरदार साथ चल रहे हैं

और इसी होड में एक दूसरे को किनारे भी ढकेल रहे हैं

चार अंको या शब्दों का यह किरदार 

अब किरायेदारी का रूप ले चुका है

कर्ज में वह पूरी तरह डूब चुका है

अंदेशा बहुत साफ कुछ कह रहा है

पर क्या ............?


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