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Hemalata Deshpande

Inspirational

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Hemalata Deshpande

Inspirational

अमर जवान

अमर जवान

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सजा लेना थाली

प्रिये, मैं हूँ आया।

देखो, मैं आया,

प्रिये, मैं हूँ आया।


बहुत होंगे आये

अपने पराये।

बोले भी होंगे

वे रोए, रुलाए।

ये कैसे आया,

कैसे ये आया?


ये क्या हाल तेरा

आँखों में नदिया ?

अश्कों से भीगी

होगी चुनरिया।

मैं क्यों यूं आया,

यूं क्यों मैं आया ?


न किस्में हैं झूठी

न वादे हैं खोटे।

मैं आया प्रिये,

तिरंगे में लपेटे।

बाजे औ' बारात

संग मैं हूँ लाया।


मैं मर के अमर हूँ

न रोना कभी तुम।

माथे से अपने

मिटाना ना कुमकुम।

लहराते झंडे में

मैं हूँ समाया !


देखो, मैं आया

प्रिये, मैं हूँ आया !


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