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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Abstract

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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

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अलग से दुनिया

अलग से दुनिया

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अलग से दुनिया

अलग से दुनिया

ये तो प्करयेक से

अलग से दुनिया बुलाती है


आगे चलेंगे आगे चलेंगे

धक्का देकर आगे चलेंगे

एडी डालकर करों को जोडकर

गेय गाकर हृदय की भाव

गर्जना कर आइए जाएँगे

सुना है ये विश्व बुलाती है

अलग से दुनिया बुलाती है


पूरे रास्ते खून से तर्पण कर

सडक पार कर गाँव पार कर खिले पार कर

जलाशय, नदियाँ,

जंगल, पहाड, रेगिस्तान

हमको अवरोध है क्या

आगे चलेंगे आगे चलेंगे

धक्का देकर ऊपर चलेंगे

अलग से दुनिया बुलाती है


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