STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract Others

4  

Sudhir Srivastava

Abstract Others

अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया

1 min
229

शुभफल प्रदायिनी अक्षय तृतीया

शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि

वैशाख मास में मनाई जाती है।

स्वयं सिद्धि इस तिथि से

मांगलिक कार्यों का शुभारंभ

विवाह, गृह प्रवेश, नव कार्य

सनातन धर्म में इसका बड़ा महत्व है

इस दिन दान पुण्य का अत्यंत महत्व है,

शुभ कार्यों का अमिट फल मिलता है।

आज ही दिन परशुरामजी का

महर्षि जमदग्नि रेणुका देवी के

घर में जन्म हुआ था,

जिन्हें भगवान विष्णु का

छठा अवतार कहा जाता है,

इस दिन भगवान विष्णु ही नहीं

भगवान परशुरामजी की भी

पूजा आराधना का विधान है।

महाभारत को पाँचवां वेद माना जाता है

वेद व्यास जी ने आज ही

महाभारत लेखन शुरु किया था,

श्रीमद्भागवत गीता का 

जिसमें समावेश है,

आज गीता के अठारहवें अध्याय का

पाठ करना शुभदायक होता है।

आज के दिन माँ गंगा

धरा पर अवतरित हुई थीं,

वर्षों बरस की भगीरथ तपस्या

आज ही तो सफल हुई थी।

तभी से परंपरा बन गई

गंगा में डुबकी लगाने से

सारे पाप दोष मिट जाते हैं।

आज ही अन्नपूर्णा माता का

जन्मदिन भी मनाते हैं,

गरीबों को भोजन और

भंडारे भी कराए जाते हैं।

अक्षय तृतीया की महिमा अपार है

अक्षय फल का मिलता लाभ है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract