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Dr Sushil Sharma

Children

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Dr Sushil Sharma

Children

अजब गजब है अपनी धरती

अजब गजब है अपनी धरती

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इस पृथ्वी पर अजब गजब है 

हैं विचित्र इसकी तानें  

कुछ हमको विज्ञान बताता 

कुछ को हम खुद ही जानें 


कितने रँग के पुष्प खिले हैं ?

क्या कोई बतलायेगा ?

मीठे खट्टे फल क्यों होते ?

क्या कोई समझायेगा ?


कुछ दानों को जब हम बोयें 

क्यों लाखों बन जाते हैं ?

मिट्टी के अंदर से पौधे 

चुपके से उग आते हैं। 


हरा हरा सुंदर खरबूजा 

अंदर लालम लाल क्यों ?

दादी मम्मी की दाढ़ी पर 

उगते नहीं हैं बाल क्यों ?


ये समुद्र का खारा पानी 

बोलो कहाँ से आता है ?

चमगादड़ क्यों उल्टा लटका ?

जुगनू क्यों जल जाता है ?


तपता सूरज चंदा शीतल 

धरती क्यों रंगीन है ?

आसमान क्यों उल्टा लटका 

उसकी कहाँ जमीन है ?


बड़ी गजब की धरती अपनी 

आओ इसको प्यार करें। 

पर्यावरण बचाएँ इसका 

हम ऐसा व्यवहार करें।


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