ऐतबार नहीं
ऐतबार नहीं
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रोक सके कोई हमे वो तुम तो नहीं,
जो रोक सकता है हमें उसका इन्तेजार हमे अब नहीं,
बहुत धोखे मिले नसीब से हमको,
अब तो नसीब पर भी कोई ऐतबार हमको नहीं,
प्यार को खेल समझती है यह दुनिया,
इस बात ने हम को तोड़ दिया,
अब तो ईश्वर से भी सवाल कर लेंगे हम,
की तुम खुदा हो के नहीं।
ये जिंदगी का सफ़र अब हमे रास आता नहीं,
दिल ये कहता है की इस झूठी दुनिया से दूर हो जाए हम,
पर इतने भी नहीं कमजोर हम,
की इसका मुकाबला न कर पाये हम।