ऐसी धाकड़ है
ऐसी धाकड़ है
नाज़ों से पली लाडो अब चोट खरोचों से खेले है
हाथ पैर मारे इधर उधर कुश्ती के दंगल लड़े है
दिल में जज्बा इरादों में जान हिम्मत लहू में बहे है
मां के गर्भ से भू के गर्भ तक भारत का गर्व बने है,
ना दंगा ना पंगा इनसे ये ताकत की चल मशीन हैं
आगे आके टांग अड़ाए जो उन्हे चित कर देवे है
दूध घी मक्खन की नहीं ये गर्म जोश की ताक़त है
करछी कढ़ाई बहुत हुआ डम्बल से रिश्ता जोड़े है,
कोई मां बाप ना सरमाया ना कोई गुरु द्रोण है
माटी माथे पे लगाकर ये शक्ति का प्रण करे है
लेकर बस्ता अपनी हठ का जो मैदान में उतरे है
अपने कलेजे की आवाज़ से अंतः प्रेरणा बने है,
धरती बन गई मां खुला गगन है यूं पिता समान
दोनों की असीम आसीस से ये दूर उड़ान भरे है
सरबाला बनी खुद की..देख करिश्मा जग फूले है
ये छोरी ऐसी धाकड़ है अब छोरों को पीछे छोडे है,
आओ सखियों तुम भी भर लो जोश अपनी बाजू में
करो सामना मुश्किल बाधा का तुमसा न कोई दूजा है
अपनी हिम्मत मेहनत से तुम सींचो स्वाभिमान को
गीता बबिता मैरीकॉम को जन जन ने आज पूजा है,
ये छोरी ऐसी धाकड़ है अब छोरों को पीछे छोड़े है...