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AVINASH KUMAR

Tragedy

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AVINASH KUMAR

Tragedy

ऐ जिंदगी किरदार तेरा

ऐ जिंदगी किरदार तेरा

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बहुत पेचीदा है

ए जिंदगी किरदार तेरा


ला मुझको भी देदे वो साँचा तेरा

जिसमे ढलकर सबका वजूद मिट जाता है


ना शिकायतें रही ना मलाल किसी पे बस

थोड़ा टूटा हुआ हूं मैं 


है जर्जर हर अदाए मेरी ना रंगीन हु ना

ही इतना हसीन हूँ मैं


मिटे मिटाये कशिश से बेहतर है ये जिंदगी

मुझे तुम धक्का मारकर निकालो मुझे


हर लफ्ज़ों में सिमटी है मेरी आरज़ू ऐ कहानी

कोई चलो बहुत हो गया तमाशा यू अल्फ़ाज़ों 

के साथ 


किसी ने साथ दिया किसी ने बीच राहों मैं

छोड़ा ऐ जिंदगी तेरा इरादा कहां है छोड़ने का


दिल की जमीं पत्थर सी और बाहर से मुझे

काँच के फलकों में ढका गया क्या यही 

सितम होना मुझ पर लिखा गया.



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