अगर तुम समझ पाओ तो !
अगर तुम समझ पाओ तो !
शाम का रंग , सुबह और रात के मिलन से बना है।
अगर तुम समझ पाओ तो !
वो राजा का आलीशान महल, खून से सना है ।
अगर तुम समझ पाओ तो !
झिलमिलाती शोहरत, आजकल किस्मत पे फ़ना है ।
अगर तुम समझ पाओ तो !
ख़ुशी में लड़के भी हैं रोते, अरे बताना मना है ।
अगर तुम समझ पाओ तो !
उस लड़की का हौसला, घूंघट से तना है।
अगर तुम समझ पाओ तो !
इस ग़ज़ल को मैंने नहीं, हालातों ने जना हैं ।
अगर तुम समझ पाओ तो !
© Vishaloktiya
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