STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Inspirational

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Inspirational

अधूरा सफर

अधूरा सफर

1 min
6

अधूरा इश्क जिंदगी भर तड़पाता है

अधूरा ज्ञान गुड़ गोबर कर जाता है 

सफर अधूरा छोड़कर भागने वाला 

दुनिया में सिर्फ "लूजर" कहलाता है 


अधूरी आस जीने नहीं देती है 

अधूरी प्यास मरने नहीं देती है 

अधूरी अरदास से क्या हासिल है 

अधूरी श्वांस तरने नहीं देती है 


मंजिल पर पहुंचने वालों का ही 

इस्तकबाल होता है दुनिया में यारो 

अधूरे काम वाले दफन हो जाते हैं 

कहीं पर न उनका नामोनिशां होता है 


अधूरे मन से काम सफल नहीं होता 

अधूरे विश्वास से इश्क मुकम्मल नहीं होता 

अधूरी भक्ति से भगवान कब मिलते हैं 

अधूरे प्रयास से कोई भी अव्वल नहीं होता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics