अधूरा प्यार
अधूरा प्यार
मैं भी मांग लूं दुआ पर,
अब कोई तारा टूटता ही नही है।
जैसे तुमने मुझे अकेला छोड़ दिया,
क्यों मुझसे तेरा साथ छूटता ही नही है।
तू अब मेरे बगैर भी खुश है तो,
मुझमें ही ये उदासी कैसी है।
अब तो नींद भी नहीं आती रातों को,
ये भी बिलकुल तेरे जैसी है।
इश्क करके भी हम रुसवा हो गए,
ये कैसा तकदीर का फ़साना है।
जिन्होंने हमें बर्बाद कर दिया "अजय"
देखो आज उसके साथ सारा जमाना है।