अबला कहलाती हूँ
अबला कहलाती हूँ
मैं अम्बा मैं हूँ जगदम्बा
जगजननी मैं जगत कुमारी
मुझसे ही ये जगत है सारा
मैं ही हूँ इस जगत की धात्री
माँ दुर्गा का रूप मैं हूँ
धारण की हूँ
लक्ष्मी सरस्वती के गुण।
मैं हूँ बेटी मैं बहन हूँ
मैं ही माता और पत्नी हूँ
मैं हूँ इस कुल की मर्यादा
मैं हूँ उस कुल की रक्षक
एक नारी के रूप में
कितने ही रूपो का दर्शन हूँ मैं,
फिर भी इस धरा पर ,न जाने क्यूँ
अबला कहलाती हूँ मैं ।