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Ranjeet sharma

Comedy Romance Crime

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Ranjeet sharma

Comedy Romance Crime

अबके होली में हमने दारू मुफत में पाई

अबके होली में हमने दारू मुफत में पाई

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अबके होली में हमने दारू मुफ़त में है पाई 

पिके दारू झूमे नाचे घर में हुई खूब ठुकाई


कुछ नये कुछ पुराने मित्र मिलने को आये

श्रीमती जी ने सबके आगे करदी मेरी बुराई


देख बोतल बियर की मन में गुस्सा फूटपड़ा 

पूड़ी सब्जी कचौड़ी में तूने काहेको आग लगाई


खेल खेल में आखों में भर दिया हमने रंग

देख पड़ोसी भी कहने लागे बड़ा संयोग भाई 


निकले घर से बाहर खैर नहीं तुम्हारी "रंग"

बार बार समझा रही मैं चाहूँ तुम्हारी भलाई।


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