STORYMIRROR

Ranjeet sharma

Comedy Romance Crime

4  

Ranjeet sharma

Comedy Romance Crime

अबके होली में हमने दारू मुफत में पाई

अबके होली में हमने दारू मुफत में पाई

1 min
266

अबके होली में हमने दारू मुफ़त में है पाई 

पिके दारू झूमे नाचे घर में हुई खूब ठुकाई


कुछ नये कुछ पुराने मित्र मिलने को आये

श्रीमती जी ने सबके आगे करदी मेरी बुराई


देख बोतल बियर की मन में गुस्सा फूटपड़ा 

पूड़ी सब्जी कचौड़ी में तूने काहेको आग लगाई


खेल खेल में आखों में भर दिया हमने रंग

देख पड़ोसी भी कहने लागे बड़ा संयोग भाई 


निकले घर से बाहर खैर नहीं तुम्हारी "रंग"

बार बार समझा रही मैं चाहूँ तुम्हारी भलाई।


এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন

Similar hindi poem from Comedy