अभी जिंदा है मोहब्बत
अभी जिंदा है मोहब्बत


अभी जिंदा है मोहब्बत दिलों के दरमियाँ शायद,
तभी एक अनजान पर लोग जान दिया करते हैं।
वरना सब मतलबी कितने यहां पर पूछ मत कुछ भी,
लोग तो मुर्दों के कफन तक उतार लिया करते हैं।
कुछ लोग डरते हैं यहां अमृत भी पीने से
और कुछ हँसकर विषपान किया करते हैं।
कुछ बुजदिली की जिंदगी को मौत से मात देते हैं
तो कुछ रोज़ मर मर के जिया करते हैं।
कुछ लड़ते हैं बंदूक, तीर-कमान और गोलों से,
वहीं कुछ नज़रों से ही मार दिया करते हैं।
किसी की रियासत में वजीर बनना मंज़ूर नहीं हमको,
हम अपनी फ़कीरी में भी बादशाहत से जिया करते हैं।
कुछ कह ना दें सच्चाई तो बुरा ना मान जाए खुदाई,
इसी डर से हम अपने होठों को सिया करते हैं।
सुनिए और सुनकर हवा में उड़ा दीजिए,
आप भी ना मेरी हर बात क्यों दिल पर लिया करते हैं ?