अभाग्यशाली कोई नहीं होता
अभाग्यशाली कोई नहीं होता
भाग्य का तारा
चमके या न चमके
अपनी किसी कार्य को करने की लगन को
ज्यों का त्यों बनाये रखना
भाग्य साथ दे या न दे
इस पर ध्यान न देकर
अपने कार्यों को अंजाम देते रहना चाहिए
कर्मठ और मेहनती होते हैं
जो लोग फिर
भाग्य भी हारकर उनका साथ देने
लगता है
हताश होकर जो बैठ जाते हैं एक कोने में तो
वह बस बैठे ही रह जाते हैं
उनका इस दुनिया में कोई भी
साथ नहीं देता
भाग्य की रेखा तो फिर ऐसे लोगों की
होती ही नहीं
हाथ में भी जो न हो
भाग्य की रेखा तो
इतना कठिन परिश्रम कर कि
हाथ में तेरे पत्थर की एक
कभी न मिटने वाली लकीर
तेरी चमकती तकदीर की फिर
खींच जाये और
किसी के मिटाने से भी
वह न मिटे
भाग्य चाहे कम साथ दे लेकिन
अभाग्यशाली कोई नहीं होता
खुद को कोई मानने लगे तो
यह उसका दुर्भाग्य
उसका खुद को ही अपमानित करने
गाली देने और
कोसने जैसा
भाग्य के खेल को खेलना क्या
जीवन में बहुत अधिक मात्रा में
किसी चीज को पाना क्या
कम में संतुष्टि करना सीख ले
और जीने की कला सीख ले
ओ भोले और कम समझ प्राणी
कम लालच कर
कम लालसा कर
वासना, वैभव और भोग विलास का
त्याग कर
एक सादा और सरल जीवन जी
उसी में तेरा हित छिपा है
यह जग है एक काल कोठरी
क्यों इसके अंधकार युक्त और मैले
बेकार के धंधों में फंसा है
कम में जब संतुष्ट होना
सीख जायेगा तो
उससे अधिक की प्राप्ति तुझे लगेगी
बोनस और
शायद उसी को तू कहेगा कि
मेरे भाग्य का सितारा चमक गया
मेरी कब से जो नहीं लग रही थी
वह लॉटरी लग गई।
