प्रकृति का अंश हो भोग-विलास की वस्तु नहीं। प्रकृति का अंश हो भोग-विलास की वस्तु नहीं।
कभी निराश करती, तो कभी विलास देती कभी निराश करती, तो कभी विलास देती
मानवता की रास्ता रोककर उन पर पर्वत खड़े हुए हैं मानवता की रास्ता रोककर उन पर पर्वत खड़े हुए हैं
पावस प्रियजनों का प्यारा रमता सबके मन विलास पावस प्रियजनों का प्यारा रमता सबके मन विलास
अपनी शक्ति का एक नशा युवा पर छाया रहता करता अपने मन की चाहे कोई कुछ भी कहता अपनी शक्ति का एक नशा युवा पर छाया रहता करता अपने मन की चाहे कोई कुछ भी कहता