Shayar Praveen
Action
मूँछों को ताव देना निशानी रही,
दुश्मनों से लड़ती जवानी रही।
छूँ सका ना कोई दुश्मन जिसे,
मेरी आज़ाद कि ऐसी कहानी रही।
सारी उम्र वतन पर जो मरते रहे,
सर पर बाँधे कफ़न जो लड़ते रहे।
उन शहीदों का गुणगान मैं कैसे करूँ
फाँसियों पर चढ़कर जो हँसते रहे।
महात्मा गाँधी
धरती माँ..
कुछ मुश्किल न...
कश्मीर
आज़ाद
तुम क्या समझो...
जुल्फों से मू...
मेरा हिंदुस्त...
बचपन
इंतज़ार
खिले चमन हर ओर, दिखें दूधिया रोशनी। खिले चमन हर ओर, दिखें दूधिया रोशनी।
पल में देखो इसने खेल कैसा खेला, संग अपने थे सभी पर, पल में देखो इसने खेल कैसा खेला, संग अपने थे सभी पर,
संघर्ष जीवन का हिस्सा ही नहीं अहम हिस्सा है संघर्ष जीवन का हिस्सा ही नहीं अहम हिस्सा है
जीवन के हर उथल-पुथल में खड़ा खुद को रखने की साहस उर में रखता है , जीवन के हर उथल-पुथल में खड़ा खुद को रखने की साहस उर में रखता है ,
बढे अमन संदेश,कदम धरें सभी पग पग हुआ अंध का नाश,जहाँ है जगमग जगमग। बढे अमन संदेश,कदम धरें सभी पग पग हुआ अंध का नाश,जहाँ है जगमग जगमग।
सासु मां की फुलवारी का सबसे सुंदर फूल बन कर आई हो तुम। सासु मां की फुलवारी का सबसे सुंदर फूल बन कर आई हो तुम।
रिद्धि सिद्धि संग घर आओ हमारे। शुभ लाभ को भी साथ में लाना। रिद्धि सिद्धि संग घर आओ हमारे। शुभ लाभ को भी साथ में लाना।
तुम मोल भाव करके ही सही ! मेरे मिट्टी के दीयों को घर ले जाना । तुम मोल भाव करके ही सही ! मेरे मिट्टी के दीयों को घर ले जाना ।
प्यार तेरा पा कर ख़ुशनसीब हुआ, प्यार तेरा पतझड़ में बहार है हुआ। प्यार तेरा पा कर ख़ुशनसीब हुआ, प्यार तेरा पतझड़ में बहार है हुआ।
पर देखकर के वक्त की चाल मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा पर देखकर के वक्त की चाल मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा
हाथ में लिए मोम, फिर एक बार दो आँसू बहाया जाएगा। हाथ में लिए मोम, फिर एक बार दो आँसू बहाया जाएगा।
तेज-पुंज झलक रहा है मुझमें , ये तेजस्विता सिर्फ आपसे है। तेज-पुंज झलक रहा है मुझमें , ये तेजस्विता सिर्फ आपसे है।
वरदान मिले हर घर घर को, जो लक्ष्मी वास कराये। वरदान मिले हर घर घर को, जो लक्ष्मी वास कराये।
ऊँचे आसमान पर, ध्वज फहराइए । ऊँचे आसमान पर, ध्वज फहराइए ।
घिसी-पिटी पथ पे चलने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं! घिसी-पिटी पथ पे चलने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं!
मुश्किलों के डरो नहीं तिरंगे की शान के लिए देश के गद्दारों को बख्शो नहीं मुश्किलों के डरो नहीं तिरंगे की शान के लिए देश के गद्दारों को बख्शो नहीं
माँ बाप के लिया प्यार का रंग भाई के लिया दोस्त का रंग माँ बाप के लिया प्यार का रंग भाई के लिया दोस्त का रंग
यूं लगे कि मानो कोई निकला आफताब, चौदहवीं के चाँद जैसा लगता लाजवाब यूं लगे कि मानो कोई निकला आफताब, चौदहवीं के चाँद जैसा लगता लाजवाब
अमीर और अमीर हो रहा, गरीब योजनाओं से होता। अमीर और अमीर हो रहा, गरीब योजनाओं से होता।
इस क्षणिक जीवन में कुछ क्षण अपने लिए भी निकाल लें ज़रा, इस क्षणिक जीवन में कुछ क्षण अपने लिए भी निकाल लें ज़रा,