Shayar Praveen
Action
मूँछों को ताव देना निशानी रही,
दुश्मनों से लड़ती जवानी रही।
छूँ सका ना कोई दुश्मन जिसे,
मेरी आज़ाद कि ऐसी कहानी रही।
सारी उम्र वतन पर जो मरते रहे,
सर पर बाँधे कफ़न जो लड़ते रहे।
उन शहीदों का गुणगान मैं कैसे करूँ
फाँसियों पर चढ़कर जो हँसते रहे।
महात्मा गाँधी
धरती माँ..
कुछ मुश्किल न...
कश्मीर
आज़ाद
तुम क्या समझो...
जुल्फों से मू...
मेरा हिंदुस्त...
बचपन
इंतज़ार
जो तन पर शीतल जल लगे सांस वहीं रुक जाय, जो तन पर शीतल जल लगे सांस वहीं रुक जाय,
समय से पहले सब नष्ट हो जाएगा प्रकृति अनमोल उपहार करो इसकी देखभाल समय से पहले सब नष्ट हो जाएगा प्रकृति अनमोल उपहार करो इसकी देखभाल
हवा संग झूमते, धूप संग खिलते, बिना किसी चाह के, हर दिन ये हंसते। हवा संग झूमते, धूप संग खिलते, बिना किसी चाह के, हर दिन ये हंसते।
बड़ा ही सुकून है कब्रिस्तान में। मौत के सन्नाटे है खामोशियां बहुत है।। बड़ा ही सुकून है कब्रिस्तान में। मौत के सन्नाटे है खामोशियां बहुत है।।
निभाते हुए सारे कायदे... अंधेरों में खोया हुआ, बस यहीं कहीं हूं ना निभाते हुए सारे कायदे... अंधेरों में खोया हुआ, बस यहीं कहीं हूं ना
ये जहां है बस एक जगह, तेरे जीने के लिए। ये जहां है बस एक जगह, तेरे जीने के लिए।
कभी माँ दुर्गा के रूप में ज्ञात, तो कभी लक्ष्मी का वरदान बताते। कभी माँ दुर्गा के रूप में ज्ञात, तो कभी लक्ष्मी का वरदान बताते।
संध्या की बेला में, नभ में फैले हैं, काले-गोरे बादल, सपनों से भरे हैं। संध्या की बेला में, नभ में फैले हैं, काले-गोरे बादल, सपनों से भरे हैं।
खिला था कमल वही कभी ! अब मुरझाने की शुरुआत है ! खिला था कमल वही कभी ! अब मुरझाने की शुरुआत है !
जो लोग खुशक़िस्मत होते हैं, उनके सितारे तो ऊँचे आसमां पर चमका करते हैं, जो लोग खुशक़िस्मत होते हैं, उनके सितारे तो ऊँचे आसमां पर चमका करते हैं,
कंस और रावण का भी तो आखिर में ही अंत हुआ। कंस और रावण का भी तो आखिर में ही अंत हुआ।
विचारों को चाट रही, वहमों की काट बाक़ी है। विचारों को चाट रही, वहमों की काट बाक़ी है।
किसी भी कार्य को पूरा करने की आपकी सदिच्छा अत्यंत ही प्रशंसनीय है किसी भी कार्य को पूरा करने की आपकी सदिच्छा अत्यंत ही प्रशंसनीय है
नए-नए बंद अस्पताल चालू कर उनको सफल हमने बना दिये। नए-नए बंद अस्पताल चालू कर उनको सफल हमने बना दिये।
तो चलो आज हम ही इजहार करते हैं बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम तो चलो आज हम ही इजहार करते हैं बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
भले वह कितने भी ऊंचे पद पर आसीन हो मगर घर में तो वह मां ही होती है। भले वह कितने भी ऊंचे पद पर आसीन हो मगर घर में तो वह मां ही होती है।
उद्योग उद्योगपति व्यापार व्यापारी ये ठीक है उद्योग उद्योगपति व्यापार व्यापारी ये ठीक है
मुस्कान की चाह में साहस भरा, हर चुनौती पर विजय पाने वाली। मुस्कान की चाह में साहस भरा, हर चुनौती पर विजय पाने वाली।
खाक करके जीवन सारा, ख्वाबों को आसमां में बिखेर दिया है। खाक करके जीवन सारा, ख्वाबों को आसमां में बिखेर दिया है।
व्यर्थ आंसू बहाने से अब क्या होगा जो अपना था ही नहीं कभी व्यर्थ आंसू बहाने से अब क्या होगा जो अपना था ही नहीं कभी