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Shayar Praveen

Others

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Shayar Praveen

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धरती माँ..

धरती माँ..

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माँ के ना होने पर,

धरती माँ संग खेल लेता हूँ।

भर मिट्टी मुट्ठी में,

पूरे बदन में लपेट लेता हूँ।

देखने वाले दूर से,

कहते हैं कितना गंदा है ये।

पर क्या मालूम है इनको,

मैं तो बचपन में ही जिंदगी

और मौत

का खेल खेल लेता हूँ ।।



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